Mere Kalam Ki Aawaj

में लिखूं अधूरी गजल
तुम मुक्कमल ग़ज़ल लिख देना…..

मैं लिखूंगा तुमसे इश्क
तुम बे हद्द और बे हिसाब लिख देना….

मैं लिखूंगा रूह
तुम अपनी रूह में बसा लिख देना

मैं लिखूंगा सुकून
तुम अपने सीने से लगा लिख देना

मैं लिखूं बोसा
तुम अपना माथा लिख देना

में लिखूं नाराजगी
तुम प्यार से मानना लिख देना

मैं लिखूं नई बहरे
तुम मेरे साथ देखना लिख देना

मैं लिखूं बारिश की बूंदे
तुम मेरे साथ भीगना लिख देना

में लिखूं खुश्बू
तुम मुझमें महकना लिख देना

में लिखूं सांसे
तुम मेरे साथ आखिरी सांस लिख देना

में लिखूं साथ
तुम ता कयामत तक लिख देना

में लिखूं मुस्कुराना
तुम अपना नाम लिख देना

मैं लिखूं गरम लहजा
तुम नर्म लहजा लिख देना

में लिखूं झगड़ा
तुम हाथ पकड़ के खीच के ले जाना लिख देना

में लिखूं तुम्हे
तुम मुझे लिख देना

मैं लिखूं अधूरी ग़ज़ल
तुम मुक्कमल ग़ज़ल लिख देना…!

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Mr_Nadeem_Genius

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