तुमसे दूर जाना मजबूरी है मेरी
दोस्तो मैं अब अपने आप को परिचय कराती हूं
मैं ग्रेजुएशन में हूं और अपनी जीवन से जादा किसी को
महत्व नहीं मम्मा और पापा को छोड़कर ।
अब में अपनी प्रेम कहानी शुरू करती हु तो ये बात है 2012 की जब में 12 वीं में थी
हमारे प्री बोर्ड होन मे 3 माहिने बाकी थे तो मैंने सोचा facebook par account बनाती हूं
बनाया इस्तेमाल भी किया facebook पर बनाने का मन नहीं था पहले काफी घटना सुनी थी तो थोड़ा डरी हुई थी
उसके बाद एक लड़के की request आई वो बहुत सुंदर था और गुड लुकिंग था लेकिन वह क्या मेरा प्यार ऐसा ही
कुछ दिन काटने तो नहीं है फिर ऐसे ही मेरा प्यार जिस से मुझे आज भी प्यार है उसकी request आई शूरु में हम
दोनो बहुत लडते जादा ही हर बात पर तो हम दोनो बहुत लड़ते फिर हम दोनों दोस्त बने ऐसे ही
एक साल बीत गया फिर facebook का तो जनते है आप लोग हर दिन एक Prorposal फालतू का दिमाग
खराब तो में दिल से सोची थी मैने सबको ignore कर दिया सबसे फ्रेंडली अंदाज बात करती थी तो
मैंने उनसे खुद पूछा क्यों कि मुझे लगता था की वो मुझसे प्यार करते है लेकिन शक था तो क्लियर हो गया
जब उन्होंने हाँ कहां लेकिन फिर अगले दिन उन्होंने मुझे खुद प्रपोज किया मैंने हा नहीं कहा क्यूंकि
मुझे अपनी लाइफ सिंगल ही रखनी थी क्यों किसी और के बारे में सोचना नहीं होगा
उनकी और हमारी जाति अलग अलग था ये proublum मुझे थी उन्हे नहीं वो मुझसे बार बार
अपने प्यार का इज़हार करते थे तो फिर मुझे भी फील हुआ उनका प्यार तो मैंने हाँ कह
दिया कुछ दिन बाद मुझे एक लड़की कि request आई मैंने स्वीकार कर लिया फिर उससे मेने बात कि तो
उसने मुझसे कहा की तुम मेरे BF का पीछा छोड दो वो मुझसे प्यार करता
उसने मुझे बहुत हर्ट किया मैंने उस्से कह दिया की वो मुझसे प्यार करते है और मैंने उसकी
आईडी को निष्क्रिय कर दिया फिर कुछ समय बाद ऑनलाइन आई तो वो ऑनलाइन नहीं थे
जब ऑनलाइन आय तो मेने उनसे कहा वो बोले कि वह लड़की उनकी फ्रेंड है जो मेरे साथ प्रैंक कर रही थी
लेकिन पता नहीं क्यू मेरे दिल को यही लग रहा था कि वह सच में उनसे प्यार करती है लेकिन उन्होंने कहा ऐसा
नही एसा कुछ नहीं है सब कुछ ठिक हुआ हमने बात की और ऐसे ही सिलसिला चलता रहा बतो का
तो में कॉलेज में एंट्री ले चुकी थी अछे माक्स की वजह से admition मिल गया तो वो बोले कहीं
मिलने के लिए तब तक मुझे कॉलेजकल में 6 -7 महीने होचुके थे लेकिन मैने मना कर दीया तो उन्होंने बहुत request किया
तो मैंने हा करदी तो मेरे जन्मदिन पर मिलने का प्लान बनाया लेकिन वो कैंसिल हो गया क्यूंकी उनके परीक्षा फिर कभी नहीं
मिल पाये और जो बात मेरे दिल से निकली थी की वो लड़की उनसे प्यार करती थी वो सच था उसकी वजह से
बहुत झगडा होता था हमारा लेकिन हर रोज बात करते करते प्यार और बढ़ता जा रहा और इतना बढ़ गया था
की हम दो बहुत खुश थे लेकिन कुछ कारण की वजह से उन्हे स्वीकार करना मेरे लिए संभव नहीं और
आज उन्ही कारण की वजह से आज मैं उनसे दूर हो गई क्योंकी बाद में ज्यादा तकलीफ हो इस से
अच्छा है कि अभी दर्द हो तो अच्छा है मुझे माफ करना