NATIONAL COUPLES DAY पति – पत्नी
एक बनाया गया *रिश्ता* !..
पहले कभी एक – दूसरे को *देखा* भी नहीं था .., अब सारी *जिंदगी* एक – दूसरे के साथ है l
पहले *अपरिचित* , फिर धीरे – धीरे होता है .; *परिचय* l
धीरे – धीरे होने वाला *हृदय स्पर्श* , फिर *नोकझोंक* .., *झगड़े* ,.. बोलचाल *बंद* l
कभी जिद कभी रूठ कभी मानाना !.
फिर धीरे – धीरे बनती जाती *प्रेम पुष्पों* की *माला* , फिर *एकजीवता* , *दो शरीर एक आत्मा* l
वैवाहिक जीवन को *परिपक्व* होने में *समय* लगता है l धीरे – धीरे जीवन में *स्वाद और मिठास* आती है !..
ठीक वैसे ही जैसे *अचार* , जैसे – जैसे *पुराना* होता जाता है , उसका *स्वाद* बढ़ता जाता है l!.बाद तरह पति -,पत्नी एक – दूसरे को अच्छी तरह जान ने समझने लगते हैं , *पेड* बढ़ता जाता है ,
*शाखाए बढती* जातीं हैं ,
*फूल आते हैं , फल* आते हैं ,
रिश्ता और *मजबूत* होता जाता है , धीरे – धीरे बिना एक – दूसरे के *अच्छा* ही नहीं लगता l
जैसे उमर बढ़ती जाती है दोनों को – एक दूसरे पर विश्वास होते जाते हैं एक – दूसरे के बगैर जिन्दगी अधूरी होजाती है !l
फिर धीरे – धीरे मन में , एक डर होने लगता है ,
” मुझसे पहलेे ये दुनिया से चली गाई तो फ़िर कैसे जिऊँगा ”
” ये मुझसे पहले चले गये मैं कैसे जीऊँगी ” ..
अपने मन में *चलते , इन सब सवालों* के बीच जैसे , खुद का *सब कुछ* , दोनों भूल जाते हैं !l
कैसा अनोखा *रिश्ता* है !..
दोनो अलग -अलग परिवार और एक दूसरे से अंजान होकार एक रिश्ता बानाते है !l
*” पति – पत्नी “*
*” Happy Couples Day “*
सभी शादीशुदा जोड़ो को समर्पित ❗️
*विवाह एक भरोसा है ,*
*समर्पण है l*
*तारीफ उस स्त्री की ,*
*जिसने खुद का घर छोड़ दिया*
और
*धन्य है , वो पुरुष ,*
*जिसने अंजान स्त्री को*
*घर सौंप दिया* …‼️